Monday, May 28, 2018

इन दिनों भयंकर गर्मी शरू हो चुकी है, और इस गर्मी में अगर सबसे ज्यादा शामत किसी की आ रही है तो वे है बेजुबान पक्षी. . . पेड़-पौधे, नदी-पर्वत की तरह पशु-पक्षी भी पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं।बेजुबान पक्षियों की रक्षा हमारा कर्तव्य है, धर्म है। . बदलते पर्यावरण के बीच पक्षियों के लिए यह दौर चिंताजनक हो गया है। सबसे बड़ी चुनौती पक्षियों को गर्मी के मौसम में पीने के पानी की होती है। गावों में तो हालत फिर भी ठीक है पर शहरों में तो इन मासूमों को पीने को पानी ही नसीब नहीं हो रहा है. और इसकी जिम्मेदारी किसी सरकार की नहीं हमारी खुद की है. . पक्षियों का यूं प्यासा रहना हमारे लिए अशुभ है। संसार के लिए भी और समूचे पर्यावरण के लिए भी। इनकी पुकार को सुनें और इनके लिए जलपात्र घर की छतों पर रखें ताकि ये प्यासे न मरें। इन्हें जीवन मिले, संरक्षण मिले, मान मिले। यह सब हमारे ही हित में है। इन पक्षियों के सुरक्षित जीवन के लिए जल का प्रबंध जरूर करें। . मेरे आप सभी से अपील है की कि पात्र में जल भरकर घर की छत या बालकनी में रखें ताकि पक्षी अपनी प्यास बुझा सकें। गर्मी में प्यास से सैंकड़ों पक्षियों की मौत हो जाती है या उन्हें काफी भटकना पड़ता है। परिंदों की इस तडफ़ को रोका जा सकता है महज एक जलपात्र रखकर। . . आइये संकल्प लें और जलपात्र की व्यवस्था करके ओरों को भी प्रेरित करें।

इन दिनों भयंकर गर्मी शरू हो चुकी है, और इस गर्मी में अगर सबसे ज्यादा शामत किसी की आ रही है तो वे है बेजुबान पक्षी.
.
.
पेड़-पौधे, नदी-पर्वत की तरह पशु-पक्षी भी पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं।बेजुबान पक्षियों की रक्षा हमारा कर्तव्य है, धर्म है।
.
बदलते पर्यावरण के बीच पक्षियों के लिए यह दौर चिंताजनक हो गया है। सबसे बड़ी चुनौती पक्षियों को गर्मी के मौसम में पीने के पानी की होती है। गावों में तो हालत फिर भी ठीक है पर शहरों में तो इन मासूमों को पीने को पानी ही नसीब नहीं हो रहा है. और इसकी जिम्मेदारी किसी सरकार की नहीं हमारी खुद की है.
.
पक्षियों का यूं प्यासा रहना हमारे लिए अशुभ है। संसार के लिए भी और समूचे पर्यावरण के लिए भी। इनकी पुकार को सुनें और इनके लिए जलपात्र घर की छतों पर रखें ताकि ये प्यासे न मरें। इन्हें जीवन मिले, संरक्षण मिले, मान मिले। यह सब हमारे ही हित में है। इन पक्षियों के सुरक्षित जीवन के लिए जल का प्रबंध जरूर करें।
.
मेरे आप सभी से अपील है की कि पात्र में जल भरकर घर की छत या बालकनी में रखें ताकि पक्षी अपनी प्यास बुझा सकें। गर्मी में प्यास से सैंकड़ों पक्षियों की मौत हो जाती है या उन्हें काफी भटकना पड़ता है। परिंदों की इस तडफ़ को रोका जा सकता है महज एक जलपात्र रखकर।
.
.
आइये संकल्प लें और जलपात्र की व्यवस्था करके ओरों को भी प्रेरित करें।

No comments:

Post a Comment