Monday, May 28, 2018

स्नान कब ओर केसे करे घर की समृद्धि बढाना हमारे हाथमे है सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए है। . 1* *मुनि स्नान। जो सुबह 4 से 5 के बिच किया जाता है। . 2* *देव स्नान। जो सुबह 5 से 6 के बिच किया जाता है। . 3* *मानव स्नान। जो सुबह 6 से 8 के बिच किया जाता है। . 4* *राक्षसी स्नान। जो सुबह 8 के बाद किया जाता है। . >>मुनि स्नान सर्वोत्तम है। >>देव स्नान उत्तम है। >>मानव स्नान समान्य है। राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है। . किसी भी मानव को 8 बजे के बाद स्नान नही करना चाहिए। . *मुनि स्नान .......* 🏻घर में सुख ,शांति ,समृद्धि, विध्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है। . *देव स्नान ......* आप के जीवन में यश , किर्ती , धन वैभव,सुख ,शान्ति, संतोष , प्रदान करता है। . *मानव स्नान.....* 🏻काम में सफलता ,भाग्य ,अच्छे कर्मो की सूझ ,परिवार में एकता , मंगल मय , प्रदान करता है। . *राक्षसी स्नान.....* 🏻 दरिद्रता , हानि , कलेश ,धन हानि , परेशानी, प्रदान करता है । . किसी भी मनुष्य को 8 के बाद स्नान नही करना चाहिए। . पुराने जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे। *खास कर जो घर की स्त्री होती थी।* चाहे वो स्त्री माँ के रूप में हो,पत्नी के रूप में हो,बेहन के रूप में हो। . घर के बडे बुजुर्ग यही समझाते सूरज के निकलने से पहले ही स्नान हो जाना चाहिए। . ऐसा करने से धन ,वैभव लक्ष्मी, आप के घर में सदैव वास करती है। . उस समय...... एक मात्र व्यक्ति की कमाई से पूरा हरा भरा पारिवार पल जाता था , और आज मात्र पारिवार में चार सदस्य भी कमाते है तो भी पूरा नही होता। . उस की वजह हम खुद ही है । पुराने नियमो को तोड़ कर अपनी सुख सुविधा के लिए नए नियम बनाए है। . प्रकृति ......का नियम है, जो भी उस के नियमो का पालन नही करता ,उस का दुष्टपरिणाम सब को मिलता है। . इसलिए अपने जीवन में कुछ नियमो को अपनाये । ओर उन का पालन भी करे। . आप का भला हो ,आपके अपनों का भला हो। . मनुष्य अवतार बार बार नही मिलता। . अपने जीवन को सुखमय बनाये।

स्नान कब ओर केसे करे घर की समृद्धि बढाना हमारे हाथमे है
सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए है।
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1* *मुनि स्नान।
जो सुबह 4 से 5 के बिच किया जाता है।
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2* *देव स्नान।
जो सुबह 5 से 6 के बिच किया जाता है।
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3* *मानव स्नान।
जो सुबह 6 से 8 के बिच किया जाता है।
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4* *राक्षसी स्नान।
जो सुबह 8 के बाद किया जाता है।
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>>मुनि स्नान सर्वोत्तम है।
>>देव स्नान उत्तम है।
>>मानव स्नान समान्य है।
राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है।
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किसी भी मानव को 8 बजे के बाद स्नान नही करना चाहिए।
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*मुनि स्नान .......*
🏻घर में सुख ,शांति ,समृद्धि, विध्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है।
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*देव स्नान ......*
आप के जीवन में यश , किर्ती , धन वैभव,सुख ,शान्ति, संतोष , प्रदान करता है।
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*मानव स्नान.....*
🏻काम में सफलता ,भाग्य ,अच्छे कर्मो की सूझ ,परिवार में एकता , मंगल मय , प्रदान करता है।
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*राक्षसी स्नान.....*
🏻 दरिद्रता , हानि , कलेश ,धन हानि , परेशानी, प्रदान करता है ।
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किसी भी मनुष्य को 8 के बाद स्नान नही करना चाहिए।
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पुराने जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे।
*खास कर जो घर की स्त्री होती थी।* चाहे वो स्त्री माँ के रूप में हो,पत्नी के रूप में हो,बेहन के रूप में हो।
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घर के बडे बुजुर्ग यही समझाते सूरज के निकलने से पहले ही स्नान हो जाना चाहिए।
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ऐसा करने से धन ,वैभव लक्ष्मी, आप के घर में सदैव वास करती है।
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उस समय...... एक मात्र व्यक्ति की कमाई से पूरा हरा भरा पारिवार पल जाता था , और आज मात्र पारिवार में चार सदस्य भी कमाते है तो भी पूरा नही होता।
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उस की वजह हम खुद ही है । पुराने नियमो को तोड़ कर अपनी सुख सुविधा के लिए नए नियम बनाए है।
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प्रकृति ......का नियम है, जो भी उस के नियमो का पालन नही करता ,उस का दुष्टपरिणाम सब को मिलता है।
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इसलिए अपने जीवन में कुछ नियमो को अपनाये । ओर उन का पालन भी करे।
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आप का भला हो ,आपके अपनों का भला हो।
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मनुष्य अवतार बार बार नही मिलता।
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अपने जीवन को सुखमय बनाये।

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