Monday, May 28, 2018

सोमवती अमावस्या . . 16 अप्रैल सोमवार के दिन पड़ रही है। . सोमवती अमावस्या के इन उपायों को आप भी कर सकते हैं तथा अपने सामान्य जीवन में आ रही समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं। . (1) अमावस्या पितरों का दिन माना गया है। इस दिन घर के पितृगणों का तर्पण करना चाहिए, तथा घर में पूर्ण शुद्धि से बनाए भोजन का भोग उन्हें लगाना चाहिए। इससे वे तृप्त होते हैं तथा आर्शीवाद देते हैं जिससे जीवन के सभी संकट दूर होकर सुख-शांति प्राप्त होती है। (2) इस दिन भूखे जीवों को भोजन कराने का भी महत्व है। यदि संभव हो तो कम से कम एक भिखारी अथवा गाय को भोजन करावें या किसी निकट के सरोवर में जाकर मछलियों को शक्कर मिश्रित आटे की गोलियां खिलाएं। इससे घर में पैसे की आवक शुरू हो जाती है। (3) सोमवती अमावस्या पर निकट के किसी शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाए। इसके बाद वहीं बैठकर ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे कालसर्पयोग दोष का असर खत्म हो जाता है। (4) सोमवती अमावस्या के दिन घर के मंदिर अथवा ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं। इसमें रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे तथा केसर का उपयोग करें, इससे मां लक्ष्मी तुरंत ही प्रसन्न होती है। (5) सोमवती अमावस्या पर दान का अनंत फल मिलता है। इस दिन यथासंभव किसी गरीब की कुछ सहायता करनी चाहिए अथवा कुछ नकद धनराशि दान करें, इससे जन्मकुंडली के बुरे ग्रहों का असर समाप्त हो जाता है। (6) अमावस्या पर सुबह स्नान के पश्चात चांदी से बने नाग-नागिन की पूजा करें तथा सफेद फूल के साथ बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इससे तुरंत ही कालसर्पयोग का दोष दूर हो जाता है। (7) अमावस्या की शाम को पीपल अथवा बरगद के पेड़ की पूजा करें तथा वहां देसी घी का दीपक जलाएं।

सोमवती अमावस्या
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16 अप्रैल सोमवार के दिन पड़ रही है।
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सोमवती अमावस्या के इन उपायों को आप भी कर सकते हैं तथा अपने सामान्य जीवन में आ रही समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं।
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(1) अमावस्या पितरों का दिन माना गया है। इस दिन घर के पितृगणों का तर्पण करना चाहिए, तथा घर में पूर्ण शुद्धि से बनाए भोजन का भोग उन्हें लगाना चाहिए। इससे वे तृप्त होते हैं तथा आर्शीवाद देते हैं जिससे जीवन के सभी संकट दूर होकर सुख-शांति प्राप्त होती है।
(2) इस दिन भूखे जीवों को भोजन कराने का भी महत्व है। यदि संभव हो तो कम से कम एक भिखारी अथवा गाय को भोजन करावें या किसी निकट के सरोवर में जाकर मछलियों को शक्कर मिश्रित आटे की गोलियां खिलाएं। इससे घर में पैसे की आवक शुरू हो जाती है।
(3) सोमवती अमावस्या पर निकट के किसी शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाए। इसके बाद वहीं बैठकर ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे कालसर्पयोग दोष का असर खत्म हो जाता है।
(4) सोमवती अमावस्या के दिन घर के मंदिर अथवा ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं। इसमें रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे तथा केसर का उपयोग करें, इससे मां लक्ष्मी तुरंत ही प्रसन्न होती है।
(5) सोमवती अमावस्या पर दान का अनंत फल मिलता है। इस दिन यथासंभव किसी गरीब की कुछ सहायता करनी चाहिए अथवा कुछ नकद धनराशि दान करें, इससे जन्मकुंडली के बुरे ग्रहों का असर समाप्त हो जाता है।
(6) अमावस्या पर सुबह स्नान के पश्चात चांदी से बने नाग-नागिन की पूजा करें तथा सफेद फूल के साथ बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इससे तुरंत ही कालसर्पयोग का दोष दूर हो जाता है।
(7) अमावस्या की शाम को पीपल अथवा बरगद के पेड़ की पूजा करें तथा वहां देसी घी का दीपक जलाएं।

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