Tuesday, October 23, 2018

*कार्तिक (दामोदर) मास का इतना माहत्म्य क्यों?*.... _क्योंकि इस मास में भगवान ने बहुत सारी लीलाएँ की

▪ *कार्तिक (दामोदर) मास का इतना माहत्म्य क्यों?*....
_क्योंकि इस मास में भगवान ने बहुत सारी लीलाएँ की हैं_....जो इस प्रकार हैं...

*1.शरद पूर्णिमा* - इस दिन भगवान कृष्ण ने राधरानी ओर गोपियों के साथ रास किया था। शरद पूर्णिमा की रात्रि से ही कार्तिक  मास शुरू हुआ था।

*2.बहुलाष्टमी* - यह दिन राधाकुण्ड श्यामकुण्ड के आविर्भाव  का स्मरणोत्सव है।इसी दिन कृष्ण और राधारानी ने श्यामकुंड ,राधाकुंड का निर्माण किया था ।

*3.रमा एकादशी*

*4.धनतेरस*- इस दिन धन्वतंरी भगवान अमृत ओर आयुर्वेद की ओषधियों के साथ प्रकट हुए थे।

*5.नरकाचतुर्दशी* - इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था|

*6.दामोदर लीला* - इसी मास में दिवाली के दिन मैया यशोदा ने भगवान कृष्ण को उखल से बांधा था जिससे उनका नाम दामोदर पड़ा अर्थात जिनका उदर(पेट) दाम (रस्सी) से बंध गया  और इसिलिए कार्तिक मास का नाम _*दामोदर मास*_ पड़ा ।

*7.दिवाली*- भगवान राम 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटे ।सभी अयोध्यावासियों ने दिए जलाये जिसे दिवाली के रूप में आज भी हम मानते हैं ।

*8.गोवर्धन पूजा*- दिवाली के पश्चात गोवर्धन पूजा की जाती है । भगवान कृष्ण ने अपनी बाएं हाथ की कनिष्ठ उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था| इस दिन भगवान को 56भोग लगाये जाते हैं ।

*9.गोपष्टमी*- भगवान कृष्ण ने गाय चराना शुरू किया ।

*10.उत्थान एकादशी* (देवउठनी एकादशी) -इस दिन 4 महीनो बाद भगवान उठते हैं।इसिलए इस एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं ।

*11.तुलसी विवाह* - भगवान कृष्ण और तुलसी महारानी का विवाह होता हैं ।
    

🔹 _*कार्तिक मास में भगवान कृष्ण के आगे संध्या समय दिया अर्पण करने का विशेष महत्व है |*_
# इस विषय में
*पद्म पुराण* में कहा गया है....
"कार्तिक मास में मात्र एक दीपक अर्पित करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं |भगवान कृष्ण ऐसे व्यक्ति का भी गुणगान करते हैं जो दीपक जलाकर अन्यों को अर्पित करने के लिए देते हैं ।" 🔹

🔺 *स्कंदपुराण के अनुसार*-
_‘मासानां कार्तिकः श्रेष्ठो देवानां मधुसूदनः।_
_तीर्थ नारायणाख्यं हि त्रितयं दुर्लभं कलौ।’_

अर्थात्‌ भगवान विष्णु एवं विष्णुतीर्थ के सदृश ही कार्तिक मास को श्रेष्ठ और दुर्लभ कहा गया है।

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