Saturday, October 27, 2018

हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला करवा चौथ का पर्व हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। इस त्योहार की ज्यादा धूम भारत के पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में देखने को मिलती है।

हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला करवा चौथ का पर्व हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। इस त्योहार की ज्यादा धूम भारत के पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में देखने को मिलती है।

हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला करवा चौथ का पर्व हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। इस त्योहार की ज्यादा धूम भारत के पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में देखने को मिलती है। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला यह पर्व सौभाग्यवती यानि सुहागिन स्त्रियां मनाती हैं। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब 4 बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है।
इस बार यह पर्व 27 अक्टूबर को है। इस दिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा कर अपना व्रत खोलती हैं। इस दिन चंद्रमा की ही पूजा क्यों की जाती है, इससे जुड़ी कई कथाएं और किवंदतियां प्रचलित हैं। करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करने के संबंध में एक मनोवैज्ञानिक कारण है जो श्री राम और चंद्रमा से संबंधित है।
करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा-
रामचरितमानस के लंका कांड के अनुसार, जिस समय भगवान श्रीराम समुद्र पार कर लंका में स्थित सुबेल पर्वत पर उतरे और श्रीराम ने पूर्व दिशा की ओर चमकते हुए चंद्रमा को देखा तो अपने साथियों से पूछा, चंद्रमा में जो कालापन है, वह क्या है?
जिसके बाद सभी ने अपनी-अपनी बुद्धि के अनुसार जवाब दिया। किसी ने कहा चंद्रमा में पृथ्वी की छाया दिखाई देती है तो किसी ने कहा राहु की मार के कारण चंद्रमा में ये कालापन है, तो वहीं कुछ ने कहा कि आकाश की काली छाया उसमें दिखाई देती है, जिसके कारण वो काला प्रतीत होता है।
सबकी बात सुनने के बाद भगवान श्रीराम ने कहा, विष यानि जहर चंद्रमा का बहुत प्यारा भाई है क्योंकि चंद्रमा व विष समुद्र मंथन से निकले थे। इसलिए उसने विष को अपने ह्रदय में स्थान दे रखा है, जिसके कारण चंद्रमा में कालापन दिखाई देता है। अपनी विषयुक्त किरणों को फैलाकर वह वियोगी नर-नारियों को जलाता रहता है।
इस पूरे प्रसंग का मनोवैज्ञानिक पक्ष यह है कि जो पति-पत्नी किसी न किसी कारण एक-दूसरे से बिछड़ जाते हैं, चंद्रमा की विषयुक्त किरणें उन्हें अधिक कष्ट पहुंचाती हैं। इसीलिए करवा चौथ के दिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा कर उससे ये कामना करती हैं कि किसी भी कारण उन्हें अपने प्रियतम से अलग न होना पड़े। यही एक वजह है जिस कारण करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है।

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