Friday, April 5, 2019
एक बार बादलों की हड़ताल हो गई बादलों ने कहा अगले दस साल पानी नहीं बरसायेंगे। ये बात जब किसानों ने सुनी तो उन्होंने अपने हल वगैरह पैक कर के रख दिये लेकिन एक किसान अपने नियमानुसार हल चला रहा था। कुछ बादल थोड़ा नीचे से गुजरे और किसान से बोले क्यों भाई पानी तो हम बरसाएंगे नहीं फिर क्यों हल चला रहे हो? किसान बोला कोई बात नहीं जब बरसेगा तब बरसेगा लेकिन मैं हल इसलिए चला रहा हूँ कि मैं दस साल में कहीं हल चलाना न भूल जाऊँ। अब बादल भी घबरा गए कि कहीं हम भी बरसना न भूल जाएं। तो वो तुरंत बरसने लगे और उस किसान की मेहनत जीत गई। जिन्होंने सब pack करके रख दिया वो हाथ मलते ही रह गए , सो लगे रहो भले ही परिस्थितियां अभी हमारे विपरीत है , लेकिन आने वाला समय निःसंदेह हमारे लिये अच्छा होगा* *Moral of the story : --- *कामयाबी उन्हीं को मिलती है जो विपरीत परिस्थितियों में भी मेहनत करना नहीं छोड़ते हैं।* *जो पानी से नहाते है वो लिवास बदल सकते हैँ* *पर जो पसीने से नहाते है* *वो इतिहास बदल सकते है*। 🌹🌸🌹🌸🌹🌸🌹
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