Monday, April 8, 2019

ध्यान से पढे जरूर* *अदभूत बाते है जाने* *अद्भुत* *सगाई के दौरान लड़की- लड़का दोनों एक दूसरे की अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाते हैं ।* *ये अंगूठी अनामिका में ही क्यूँ पहनी जाती है ?* *एक सुंदर प्रयोग बताता हूँ .....* *आप भी कर के देखें ओर समझे......* . *बुद्धिजीवियों और वेदों के अनुसार हमारे हाथ की दसों उंगलियां एक कुटुम्ब हैं ।* . . *हाथ के अंगूठे हमारे माता-पिता का प्रतीक हैं।* . . *अंगूठे के पास वाली उंगली (तर्जनी) हमारे भाई-बहन के प्रतीक।* . . *बीच की उंगली (मध्यमा) हम खुद* . . *चौथी अनामिका...* *मतलब हमारा जोड़ीदार/जीवन साथी।* . . *और अंतिम सबसे छोटी उंगली (करंगली)* *हमारे बच्चे।* . . *ये हो गया कुटुंब।* *अब देखते हैं कुटुंब के लोगों से हमारे संबंध कैसे ईश्वर ने स्थापित किये हैं।* . . *अब फोन को एक ओर रख दोनों हाथ प्रणाम मुद्रा में जोड़ें।* . . *बीच की दोनों उंगली (जो हम खुद हैं) को अंदर की ओर fold कर हथेली से लगा लें।* *अब दोनो अंगूठे एक दूसरे से दूर करे वो हो जाएंगे।* . . *कारण माता-पिता का साथ हमें जन्मभर नही मिलता, कभी न कभी वो हमें छोड़ कर जाते हैं । फिर दोनों अंगूठों को जोड़ लें।* . . *अब अंगूठे को छोड़ उसके पास वाली तर्जनी उंगली को खोलें* *वो भी खुलेगी,* *कारण भाई-बहन का अपना परिवार है , उनका खुद का अपना जीवन है, वो भी हमारे साथ जीवन भर नहीं रहने वाले हैं।* . . *अब वो तर्जनी उंगलियां जोड़ हाथ के आखरिवाली सबसे छोटी उंगली को आपस मे खोलें।* . . *वो भी खुलेंगी, कारण आपके बच्चे बड़े होने पर घोसला छोड़ उड़ान भरने ही वाले हैं ।* . *छोटी उंगलियों को अब जोड़ लें।* . . *अब छोटी वाली ऊंगली के बगल वाली अनामिका, जिसमें सगाई की अंगूठी पहनते हैं, को एक दूजे से दूर करे......* . . *आश्चर्य होगा;* *पर वो दूर नही होगी। कारण जोड़ीदार, मतलब पति-पत्नी, जीवनभर एक साथ रहने वाले होते हैं । सुख और दुःख में एक दूजे के जीवनसाथी.....* *"ये आयुष्य का सुंदर अर्थ* *अनामिका सिवाय सब व्यर्थ "* 🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹

No comments:

Post a Comment