Wednesday, January 3, 2018

शांति का मार्ग ..... 🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 एक व्यापारी था| उसने व्यापार में खूब कमाई की| बड़े-बड़े मकान बनाए, नौकर-चाकर रखे, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उसके दिन फिर गए| व्यापार में घाटा आया और वह एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गया| जब उसकी परेशानी सहन से बाहर हो गई, तब वह एक साधु के पास गया और रोते हुए बोला - महाराज, मुझे कोई रास्ता बताइए, जिससे मुझे शांति मिले| साधु ने पूछा - तुम्हारा सब कुछ चला गया? व्यापारी ने कहा - जी हां| साधु बोले - तुम्हारा था तो उसे तुम्हारे पास रहना चाहिए था! वह चला कैसे गया? व्यापारी चुप हो गया| जन्म के समय तुम अपने साथ कितना धन लाए थे? स्वामीजी, जन्म के समय तो सब खाली हाथ आते हैं| साधु बोले - ठीक है, अब यह बताओ कि मरते समय अपने साथ कितना ले जाना चाहते हो? मरते समय साथ कौन ले जाता है, जो मैं ले जाऊंगा| साधु बोले - जब तुम खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाओगे तो फिर चिंता किस बात की करते हो? व्यापारी ने कहा - महाराज, जब तक मौत नहीं आती, तब तक मेरी और मेरे घर वालों की गुजर-बसर कैसे होगी? साधु हंस पड़े - जो धन के भरोसे रहेगा, उसका यही हाल होगा| तुम्हारे हाथ-पैर तो हैं, उन्हें काम में लाओ| पुरुषार्थ सबसे बड़ा धन है| ईश्वर पर भरोसा रखो| शांति का यही एक मात्र रास्ता है| व्यापारी की आंखें खुल गईं| उसका मन शांत हो गया| जाने कितने वर्षों के बाद पहली बार रात को उसे चैन की नींद आई और उसके शेष वर्ष बड़े आनंद में बीते| 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🌹SEWAK🌹

शांति का मार्ग .....

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एक व्यापारी था| उसने व्यापार में खूब कमाई की| बड़े-बड़े मकान बनाए, नौकर-चाकर रखे, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उसके दिन फिर गए| व्यापार में घाटा आया और वह एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गया| जब उसकी परेशानी सहन से बाहर हो गई, तब वह एक साधु के पास गया और रोते हुए बोला - महाराज, मुझे कोई रास्ता बताइए, जिससे मुझे शांति मिले|

साधु ने पूछा - तुम्हारा सब कुछ चला गया?

व्यापारी ने कहा - जी हां|

साधु बोले - तुम्हारा था तो उसे तुम्हारे पास रहना चाहिए था! वह चला कैसे गया?

व्यापारी चुप हो गया|

जन्म के समय तुम अपने साथ कितना धन लाए थे?

स्वामीजी, जन्म के समय तो सब खाली हाथ आते हैं|

साधु बोले - ठीक है, अब यह बताओ कि मरते समय अपने साथ कितना ले जाना चाहते हो?

मरते समय साथ कौन ले जाता है, जो मैं ले जाऊंगा|

साधु बोले - जब तुम खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाओगे तो फिर चिंता किस बात की करते हो?

व्यापारी ने कहा - महाराज, जब तक मौत नहीं आती, तब तक मेरी और मेरे घर वालों की गुजर-बसर कैसे होगी?

साधु हंस पड़े - जो धन के भरोसे रहेगा, उसका यही हाल होगा| तुम्हारे हाथ-पैर तो हैं, उन्हें काम में लाओ| पुरुषार्थ सबसे बड़ा धन है| ईश्वर पर भरोसा रखो| शांति का यही एक मात्र रास्ता है| व्यापारी की आंखें खुल गईं| उसका मन शांत हो गया| जाने कितने वर्षों के बाद पहली बार रात को उसे चैन की नींद आई और उसके शेष वर्ष बड़े आनंद में बीते|

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