Sunday, October 1, 2017

एक बार सोच लें।

एक बार सोच लें।

एक गाय का अच्छा खासा तबेला था । एक दिन बहुत जोरों की बारिश होने लगा और उसी बारिश कि रात मे एक भींगता हुआ कुता आया कुता ने गाय से पुछा ऐ गाय माई हम तोहार तबेला मे आ जाऐं का ? एक कोना मे पडल रहेंगे देख न बारिश जोर से हो रहा है , गाय स्वाभाववश कुता को तबेले मे शरण दे देती है । बहुत दिनों बाद एक सांप आता है वो भी शरण मांगता है तो कुता बोलता है कि हाँ हाँ आ जाओ बहुते जगह है यहां पर हलांकि गाय को बुरा लगता है फिर भी स्वाभाववश वो शांत रहती है । समय बीतने के साथ इसी तरह से बिच्छू सुअर ,गधा,आदि जानवर भी उसी तबेले मे शरण ले लेते हैं ।
अब संख्या अधिक हो जाने से सबको कष्ट होने लगा , गाय फिर भी चुप रही । एक रात अंधेरे मे सारे जानवर मिलकर फैसला करते है कि सबसे ज्यादा जगह तो ई गाय ही घेरले है तो क्यों न ईसको यहाँ से भगा दें......और दुसरे दिन कुत्ते ने सबसे पहले कमान संभाली और गाय को भौंक के तबेले से बाहर जाने को कह दिया ।
गाय ने आनाकानी की कहा:- याद है मैंने ही तुम्हें शरण दिया था ।
तभी कुछ देर बाद बिच्छु ने गाय के बछेड़े के  कोमल स्थान पे डंक मार दिया ।
बच्चे का दर्द देख गाय बिलबिला गयी ।
तब भी वो जाने को तैयार न हुयी ।
तब सांप ने धमकी दे दी :- जाओ नहीं तो काट लूँगा ।
तबेले से नहीं जाओगी तो दुनियां से जाओगी ।
गाय अपने नवजात बछेरे को लेके सुनसान गुमनाम रस्ते पे निकल पड़ी । ......

.....सन्नाटा......

क्यों.... श्रीमान जी कहीं आप वही तो नहीं सोच रहें है ...अगर आप वही सोच रहे है ..तो एकदम सही सही सोच रहे हैं।।

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